Thursday, April 17

लुधियाना कोर्ट परिसर में बलास्ट की घटना के लिए पंजाब सरकार जिम्मेदार, केंद्र लगाए राष्ट्रपति शासन : अशोक थापर

लुधियाना (संजय मिका,विशाल)-शहीद सुख्रदेव थापर एंटी टैररिस्ट फ्रंट ने लुधियाना के कोर्ट परिसर में वीरवार को हुए बलास्ट, पिछले दिनो हुई सिख धार्मिक स्थलों व हिन्दू धर्म ग्रंथो की बेदअदबियो, गौवंश के मिले अवशेषों की घटनाओं को पंजाब में माहौल खराब करने की साजिश बताते हुए कहा कि पंजाब में 1981 जैसे हालात पैदा हो लौट रहे हैं। फ्रंट के अध्यक्ष   शहीद सुखदेव थापर के वंशज अशोक थापर ने उक्त घटनाओं को आंतकी गतिविधियो से जोड़ते हुए कहा कि पंजाब सरकार उक्त घटनाओं को रोकने में असफल रही है। इसलिए केंद्र सरकार उक्त घटनाओं को देश विरोधी ताकतों की साजिश को समझते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर देश के प्रति अपना दायित्व निभाए। पंजाब में 1981 की घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होने कहा कि आंतकवाद का काला दौर शुरु होने से पूर्व भी ऐसे ही हालात थे। सिख धार्मिक स्थलो के बाहर तंबाकू जैसे पदार्थ व हिन्दू मंदिरो के बाहर गौमाता के अवशेष फैंके जा रहे थे। एक समुदाय विशेष को भयभीत करने के लिए बम बलास्ट करने के साथ साथ बसों से निकाल कर निर्दोष नागरिकों की हत्याए की जा रही था। उस समय आंतकियो की तरफ से बस का अपहरण कर पंजाब के ढिलवां क्षेत्र में 9 लोगो की हुई हत्या पर नैतिकता के आधार तत्कालीन मुख्यमंत्री दरबारा सिंह ने त्याह पत्र दिया था। मगर मौजूदा मुख्यमंत्री से जनता को पूर्व मुक्यमंत्री दरबारा सिंह जैसी नैतिकता की उम्मीद नहीं है कि वह लुधियाना में घटित आंतकी घटना से दुखी होकर त्यागपत्र देंगे। ऐसे में केंद्र सरकार को ऐसी घटनाओं की पुर्नवृति रोकने के लिए राज्य सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए। 

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