Sunday, April 28

दिल्ली में रात्रि कर्फ्यू और महाराष्ट्र में लॉक डाउन को लेकर कैट ने केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह को पत्र भेजकर केंद्रीकृत योजना बनाने का सुझाव दिया – हरकेश मित्तल अदक्ष कैट पंजाब

  • कैट ने दिल्ली के उपराजयपाल और मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कोविड को लेकर व्यापारी संगठनों से बातचीत करने का आग्रह किया

लुधियाना,(संजय मिका)-कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) ने दिल्ली में आज से रात्रि कर्फ्यू लगाने के दिल्ली सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा की इसमें कोई दो राय नहीं है की कोरोना के बढ़ते प्रभाव को रोका जाना बेहद जरूरी है लेकिन नाईट कर्फ्यू लगाने से कोविड में कोई रोकथाम होगी ऐसा संभवत : होगा नहीं ! इसके विपरीत दिल्ली सरकार को दिल्ली के व्यापारिक एवं रेजिडेंट संगठनों के साथ बातचीत कर कोई ऐसी योजना बनाने चाहिए जिससे दिल्ली की व्यापारिक गतिविधियों पर कोई असर नहीं हो वहीँ दूसरी ओर कोविड के तेजी से बढ़ते प्रकोप को रोका जा सके ! वहीँ महाराष्ट्र सरकार द्वारा महाराष्ट्र में 30 अप्रैल तक लॉक डाउन लगाए जाने को भी कैट ने आर्थिक गतिविधियों को बुरी तरह से प्रभावित करने वाला बताया है । कैट ने महाराष्टगृ और दिल्ली सरकार द्वारा उठाये गए क़दमों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह को आज एक पत्र भेजा है और आग्रह किया है की प्रत्येक राज्य कोविड को लेकर स्वतंत्र रूप से कदम उठाये उसके बजाय केंद्र सरकार को पिछले वर्ष की तरह ही कदम उठाते हुए एक केंद्रीकृत योजना सभी राज्य सरकारों से बातचीत कर बनाई जाए जिससे सारे देश में एकरूपता बनी रहे ! यदि हर राज्य ने अपने स्तर पर कदम उठाये तो देश में आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित होंगी जिससे व्यापार एवं अर्थव्यवस्था को बड़ी हानि होने की सम्भावना है ! कैट ने गृह मंत्री श्री शाह से एक मुललाट के लिए समय माँगा है । दिल्ली के मुद्दे पर कैट ने दिल्ली के उपराजयपाल श्री अनिल बैजल तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल को पत्र भेजकर अनुरोध किया कि किसी भी तरह के निर्णय से पहले व्यापारियों के साथ एक बैठक बुलाई जाए जिसमे कोविड से बचाव की रणनीति पर विचार किया जा सके। दिल्ली के व्यापारी सरकार के साथ है और कोरोना के ख़िलाफ़ इस जंग में वे सरकार की हर सम्भव मदत के लिए तैयार है। कैट ने कर्फ्यू को एकमात्र विकल्प न मानते हुए ये सवाल भी उठाया कि दिल्ली में नाईट कर्फ्यू के लगने कोविड पर अंकुश कैसे संभव है ये समझ के बाहर है! कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया एवम राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने बेहद जोर देते हुए कहा कि नाईट कर्फ्यू से अगर हालात सामान्य हो रहे होते तो उसका असर दूसरे शहरों पर दिखता जहाँ नाईट कर्फ्यू लगाया जा चुका है। नाईट कर्फ्यू का असर सीधे तौर पर दिल्ली में चल रहे रेस्तरां, होटल, बैंक्वेट, और फार्म हाउस बिज़नेस पर पड़ेगा जो पहले ही लॉक डाउन के कारण अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे है। पिछले एक साल में इन सभी सेक्टरों को व्यापार की बड़ी हानि उठानी थी और अब जब किसी प्रकार से पिछले कोविड से यह सेक्टर उबार रहे हैं ऐसे में रात्रि कर्फ्यू से इन सेक्टर के व्यापार पर बुरा असर पड़ेगा ! उन्होंने यह भी कहा की अप्रैल और मई महीने में बड़े स्तर पर शादी एवं अन्य समारोह होने हैं जिनके लिए लोगों ने पहले ही काफी पैसा खर्च किया है ! रात्रि कर्फ्यू के निर्णय से अब इस तरह के समारोह करना संभव नहीं हो , इस बात को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए । श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा की अप्रैल का महीना त्योहारों से भरा हुआ है। रामनौमी,बैसाखी, नावरात्रे, गुड़ी पड़वा, हनुमान जयंती जैसे पर्व न केवल लोगो के लिए खास है बल्कि मंदी के जूझ रहे व्यापारियों के लिए भी आर्थिक मजबूती के लिए महत्वपूर्ण है।ऐसे में 10 बजे का लॉक डाउन काफी नुकसान दायक साबित होगा इस के अलावा दिल्ली के ज्यादातर परिवार अपने दफ्तर से देर शाम ही खाली होते है और उसके बाद ही दिल्ली के बाजारों की रौनक बढ़ती है ऐसे में मुहल्ले की दुकानों और बाजारों पर ये लॉक डाउन की दोहरी मार होगी। श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि निस्संदेह कोविड से निपटने के लिए बेहद संवेदनशील तरीके की जरूरत है, हालांकि, इस तरह के लॉकडाउन के आर्थिक प्रभाव की अनदेखी भी नहीं की जानी चाहिए।उन्होंने सुझाव दिया कि पूर्ण लॉकडाउन के बजाय कोविड के हॉटस्पॉट को चिन्हित किया जाए एवं अलग अलग फेज में स्ट्रेटेजी बना के उन इलाकों में कार्य किया जाए। व्यापारी नेताओ ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करवाने जरूरी है, जिसके आधार पर आइसोलेशन और उपचार की रणनीति बनाने की जरूरत है। व्यापार संगठनों के सहयोग से सभी स्तरों पर कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल को बनाए रखने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जा सकते हैं। प्रत्येक बाजार के प्रवेश और निकास बिंदु को संबंधित व्यापार संघों द्वारा अतिरिक्त निगरानी और वार्ड स्टाफ की तैनाती के साथ विनियमित किया जा सकता है।श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान, व्यापारियों द्वारा संचालित आपूर्ति श्रृंखला की भूमिका राज्य या देश की कुल आबादी के अनुपात में बहुत महत्व रखती है, क्योंकि मुख्य रूप से व्यापारियों द्वारा ही आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति जो जारी रखा जा सकता है जो कि बीते लॉक डाउन में साफ तौर पर देखा जा सकता है।

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