- देश में सबसे बेहतर कानून व्यवस्था का नमूना पंजाब
लुधियाना (संजय मिका,विशाल)-जिला कांग्र्रेस कमेटी लुधियाना शहरी के प्रधान अश्वनी शर्मा द्वारा भाजपा द्वारा की गई सियासी नौंटकी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि भाजपा की हालत खसियानी बिल्ली वाली हो चुकी है तथा अपनी बची-खुची सियासी जमीन को तलाशने के लिए हाथ-पांव मार रही है। यही नहीं उसे आगामी निकाय चुनाव में अपनी हार भी साफ दिख रही है तथा पंजाब भर में इनका जगह-जगह विरोध हो रहा है। इसलिए पंजाब भाजपा लीडरशिप केंद्रीय नेतृत्व मोदी-शाह के गुस्से के प्रकोप से बचने के लिए पहले ही संभावी शर्मनाक हार का बहाना गढऩे में जुटे हुए है। जबकि भाजपा को चाहिए कि वह ऐसी घटिया हरकतें करने की बजाये शीत लहर के बावजूद दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हुए लाखों किसानों की सुध ले तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह को किसान के मर्म बारे असली स्थिति से अवगत करवाते हुए उन्हें सही रिपोर्ट देें और तीनों कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए दबाव डालें। जिला प्रधान शर्मा ने पंजाब की कानून व्यवस्था पर प्रशन उठाने पर भाजपा को बुरी तरह लताड़ते हुए कहा कि पूरे देश में यदि सबसे बेहतर कानून व्यस्था का कोई उदाहरण है तो वो पंजाब है। जहां इतने बड़े आंदोलन के बावजूद कोई हिंसा नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि यहां तक मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाने की कुछ घटनाओं पर भी सीएम अमरेंद्र सिंह ने तुरंत एक्शन लिया। उन्होंने किसानों को भी पूरी तरह संयम बरतने की अपील की । शर्मा ने कहा कि पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ की अगुवाई तले पूरी पार्टी व सरकार ने हमेशा ही किसानों के कल्याण के लिए कदम उठाए है लेकिन मोदी सरकर ने हमेशा किसानों को दबाने वाला काम किया है। कांग्रेस के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू व अन्य सांसद लगातार किसानों के हक में जंतर मंतर पर धरना देकर बैठे हुए है लेकिन भाजपा कभी गोदी मीडिया कभी दूसरे हथकंडे अपना किसाना आंदोलन को कमजोर करने की साजिशें रच रही है। आज लुधियाना में भाजपा की कार्यवाही भी इसी साजिश की कड़ी का हिस्सा है लेकिन जनता इनके असली चेहरे को पहचान चुकी है। क्योंकि यह लोग किसानों की मांगों को पूरा करने की बजाये अपनी घटिया चालें चलने में ही लगे हुए है। जिसमें यह कभी सफल नहीं होंगे। कांग्रेस पार्टी हमेशा किसानों के साथ डटकर खड़ी रहेगी तथा मोदी सरकार को तीनों काले कानून वापस लेने ही होंगे।