Thursday, April 17

मानसिक तनाव,घुटनों,पीठ या कमर दर्द जैसे कई रोगों से बचने या निपटने के लिए फिजियोथैरेपी एक असरदार तरीका है डॉ दीपा


लुधियाना(संजय मिंका,विशाल)-फिजियोथैरेपी आधुनिक चिकित्सा पद्धति मानी जाती है। मानसिक तनाव , घुटनों , पीठ या कमर दर्द जैसे कई रोगों से बचने या निपटने के लिए फिजियोथैरेपी एक असरदार तरीका है । प्रशिक्षित फिजियोथैरेपिस्ट द्वारा व्यायाम के जरिए शरीर की मांसपेशियों को सही ढंग से सक्रिय करने की विधि फिजियोथैरेपी कहलाती है । गलत मुद्रा में बैठने और गलत तरीके से व्यायाम या खेल के कारण अंदरूनी खिंचाव या चोट की हीलिंग के लिए फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह लेना चाहिए । हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर दीपा‌‌ फिजियोथैरेपिस्ट का कहना है के अस्थमा या फ्रैक्चर पीड़ितों के अतिरिक्त गर्भवती स्त्रियों को भी फिजियोथैरेपी सलाह दी जाती है। वही बुजुर्ग मरीजों और कामकाजी लोगों के लिए घर में सेवा पहुंचाने का भी चलन बड़ा है।कोरोना के अलावा ऐसे कई रोग हैं जैसे अस्थमा , सीओपीडी , मस्कुलर डिस्ट्रॉफी , सिस्टिक फाइब्रोसिस जिसमें फेफड़े ठीक से काम नहीं करते वहां भी फिजियोथैरेपी मददगार होती है । जिन मरीजों में निमोनिया जैसी स्थिति होती है सांस में दिक्कत होने पर चेस्ट फिजियोथैरेपी की सलाह दी जाती है जिसमें पोस्चरल ड्रेनेज , चेस्ट पर कशन , चेस्ट वाइब्रेशन , टर्निंग,  डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज शामिल होते हैं । इनसे फेफड़ों में जमा बलगम बाहर निकालने में मदद मिलती है । यह सभी एक्सरसाइज एक्सपर्ट फिजियोथेरेपिस्ट के अंडर ही करनी चाहिए।

About Author

Leave A Reply

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com