
लुधियाना,(संजय मिका ,विशाल)-किसान संघर्ष में लगातार अलग-अलग शख्सियतों की तरफ से अपने सम्मान वापस किए जाने का दौर जारी है।इसी के चलते लुधियाना के 24 वर्षीय नौजवान गौरव दीप सिंह ने अपना राष्ट्रीय युवा पुरस्कार सिंघु बॉर्डर पर वापस करने का ऐलान किया और आज लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर दफ्तर में लुधियाना के एडीसी अमनदीप बैंस के हाथ वापिस लौटाया। यह राष्ट्रीय युवा पुरस्कार गौरव दीप को 2018 में भारत सरकार द्वारा वोटर जागरूकता पर काम करने के लिए दिया गया था।गौरव दीप का कहना है कि, मैंने 6 वर्ष लगातार युवा सशक्तिकरण वोटर जागरूकता एवं लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए अपना काम किया पर आज जिन वोटरों को जागरूक किया था वही वोटरों को अपने ही देश की राजधानी में जाने से रोका जा रहा है लगातार बुजुर्ग किसानों पर अत्याचार किया जा रहा है। लोकतंत्र को मिट्टी में मिला है जाने के कारण मैं नहीं समझता कि मुझे अपना यह राष्ट्रीय युवा पुरस्कार अपने घर में रखना चाहिए मैं पंजाब का नागरिक हूं और और अगर मेरे पंजाब वासियों की मेरे देश में इज्जत नहीं की जा रही तो मुझे भी किसी तरह की इज्जत लेने का कोई अधिकार नहीं इसीलिए मैं यह सम्मान भारत सरकार को लौट आता हूं।मैं आशा करता हूं कि प्रधानमंत्री और भारत सरकार लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए काम करेगी और किसान की सुनकर सही में जय जवान जय किसान के नारे को बुलंद करेगी मुझे अपने देश के संविधान पर गर्व है और मैं उम्मीद करता हूं कि मेरे देश की संविधान को ध्यान में रखकर मेरे देश के किसान का फायदा किया जाएगा।