- 10 दिन बाद व्यापारियों की महापंचायत होगी तब लिया जाएगा आंदोलन का फैसला
लुधियाना (संजय मिंका ) पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल की जिला इकाई लुधियाना की एक बैठक का आयोजन जिला कार्यालय माता रानी चौक में पंजाब व्यापार मंडल के जनरल सैक्ट्री सुनील मेहरा , जिला प्रधान अरविंदर सिंह मक्कड़ , जिला जनरल सैक्ट्री सुरेंद्र अग्रवाल की अध्यक्षता में किया गया ! इस मीटिंग को संबोधित करते पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के जनरल सेक्टरी सुनील मेहरा , जिला प्रधान अरविंदर सिंह मक्कड़ और महामंत्री सुरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि सरकार की एक घोषित नीति पर रोष प्रकट करते हुए कहा कि सरकार अपने चुनावी वादों से मुकर गई है और सरकार ने जो लुभावने वायदे लोगों से किए हैं उससे पंजाब की इंडस्ट्री और ट्रेड को मुंह की खानी पै रही है पंजाब की इंडस्ट्री तबाही के कगार पर पहुंच गई है और पंजाब का व्यापार खत्म हो गया है ! आजकल होजरी , टेक्सटाइल साइकिल पार्ट्स और मशीनरी सीजन भी जोरों पर चल रहा है ! आज पंजाब और लुधियाना की सभी मार्केट त्योहारों के सीजन के चलते सभी सुनसान पड़ी है इसका सारा सेहरा पंजाब की भगवंत मान की सरकार पर है ! क्योंकि भगवंत मान सरकार गुजरात हिमाचल के दौरों पर गई हुई है जिससे पंजाब के हालात को नजर अंदाज कर दिया गया है ! पंजाब के हालात गैंगस्टरों के कारण पंजाब में व्यापारी आना बंद हो गया है और इससे पंजाब का व्यापार अपने निचले स्तर पर जा रहा है पंजाब का व्यापारी कांग्रेस सरकार पंजाब सरकार और अकाली सरकार से दुखी और परेशानी की हालात में भारी बहुमत के साथ आप भगवंत मान सरकार को जताया है और उम्मीद की कि 24 घंटे बिजली निरंतर सप्लाई 300 यूनिट फ्री बिजली समूह पंजाबियों को पंजाब की इंडस्ट्री और ट्रेड के लिए फिर से पंजाब के मैनचेस्टर शहर लुधियाना को चमकायेंगे और जिससे पंजाब की इंडस्ट्री और ट्रेड को मुंगेरीलाल के हसीन सपने दिखाने रह गए हैं इसलिए आज भगवंत मान सरकार पंजाब की इंडस्ट्री को बिल्कुल निराशाजनक के कगार पर है पंजाब सरकार के पास व्यापारियों को मिलने के लिए भी समय नहीं है ! आज हर वर्ग की मांगे मानी जा रही है लेकिन पंजाब के व्यापारियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है जिनको व्यापारी किसी भी सूरत में मानने को तैयार नहीं है पंजाब के व्यापारियों की सारी उम्मीदें भगवंत मान सरकार जो कि 92 सीटें जिताने के बाद भी आज के व्यापारी निराश हो चुका है ! आज पंजाब सरकार ने व्यापारियों की कमर भी तोड़ दी है ! पंजाब सरकार द्वारा बिजली की दरों में 12 से 13 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है पहले से ही पंजाब की इंडस्ट्री कोरोना काल से ऊपर नहीं उठी है और पंजाब की पिछली और मौजूदा सरकारों की गैर व्यापारी नीतियों के कारण पंजाब बाकी राज्यों के मुकाबले पिछड़ता जा रहा है । पंजाब सरकार ने अप्रैल 2022 में चन्नी सरकार द्वारा की गई सब्सिडी की घोषणाओं को कायम रखा, पर अब जा के मान सरकार ने पंजाबियों के साथ सौतेला व्यवहार किया है !पंजाब में पिछले 1 साल में, एक रिपोर्ट के अनुसार जहा 10,000 किसानों ने आत्महत्या की है वही 11,000 व्यापारियों ने भी आत्महत्या की है । पर सरकार द्वारा किसानों के अलावा व्यापारियों की ओर नही देखा जाता ! व्यापारियों के लिए सरकार की आंखें बंद रही हैं।सरकार की गैर व्यापारी नीतियों के कारण 60,000 से ज्यादा इंडस्ट्री पंजाब छोड़ के जा चुकी है। महंगी बिजली, खराब फोकल प्वाइंट और इन्फ्राट्रक्चर के कारण यहां की इंडस्ट्री पलायन कर चुकी है और कई करने के कगार पर हैं ! पंजाब सरकार द्वारा पहले ही 2.5 लाख करोड़ के लोन कायम खड़े हैं, वही दूसरी ओर 7000 करोड़ की बिजली की सब्सिडी भी पी एस पी सी एल को देने के लिए सरकार बाध्य है ! कोयले की स्टॉक की आपूर्ति नहीं की जा रही ! सरकार की नीतियों के अनुसार हर थर्मल प्लांट में 28 दिन का कोयले का स्टॉक होना चाहिए पर यहां औसतन एक हफ्ते का स्टॉक रखा जाता है। पिछले 2 साल से शोर्टेज का सामना सरकार को करना पढ़ रहा है और फिर भी हर वर्ष उसकी कोई तयारी नही की जाती ! मान सरकार ने कहा था के 300 यूनिट फ्री बिजली सभी घरेलू उपभोगताओं को मिलेगी पर इसमें भी शर्तों के जंजाल में बांध कर इस योजना का दायरा छोटा किया गया क्योंकि सरकार जानती थी कि इस योजना का असल दायरा 18,000 से 20,000 करोड़ की लागत हर साल की है। पंजाबियों को लुभावने सपने दिखा के उनके सपनों को चकना चूर कर के पंजाबियों के साथ , उनके विश्वास के साथ खिलवाड़ किया गया है। अपने ऊपर पहले से ही लगभग 3 लाख करोड़ के ऋण के बोझ को कम करने के बजाए, राज्य सरकार ने वर्ल्ड बैंक से 1200 करोड़ लगभग का नया ऋण उठा लिया है। अब ये तो वक्त ही बताएगा की ये ऋण पंजाब को खुशहाल करता है या बर्बादी के मार्ग पे आगे बढ़ता है। नए ऋण लेने का पूरा रोड मैप, की ये पैसा कहा कहा कैसे खर्च होगा, इसका सरकार से विस्तार पूर्वक कोई ऐलान नही हुआ है।सरकार ने पिछले कोयले के 1.38 लाख करोड़ की आपूर्ति करनी बाकी है, जिसकी वजह से भी पीएसपीसीएल को कोयला महंगा पड़ता है। अंतराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कोयले की रेट की बढ़ोतरी के कारण और उसकी सरकार द्वारा एंटीसिपेशन न करने के कारण बिजली महंगी पढ़ रही है। पंजाब हर वर्ष निजी पावर सप्लाई करने वालों को 1400 करोड़ फिक्स्ड कॉस्ट के तौर पर देती है चाहे उनसे पीक डिमांड समय पर सप्लाई न आए। यदि यही पैसा निजी सप्लायर को न देने की जगह अपने थर्मल पावर प्लांट में लगाए जाएं तो 1400MW का प्लांट तैयार किया जा सकता है।
वही बजट के समय भी फाइनेंस मिनिस्टर हरपाल सिंह चीमा जी ने भी ग्रीन एनर्जी पर जोर दिया था पर वास्तव में इस और कोई कार्य नहीं हो रहा। पंजाब की बिगड़ती हुई हालत को देखते हुए कई पंजाबी नौजवान पंजाब से निकल कर कैनेडा, लंदन, ऑटरालिया जैसे देशों की ओर पलायन कर रहे हैं। इसके लिए उनके मां बाप महंगा लोन उठा लेते हैं और फिर उस लोन की वापसी में दिक्कत आने के समय उनका घर बार बिक जाता है। सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले 5 साल में 6 लाख से अधिक युवा पंजाब से बाहर जा चुका है। पंजाब सरकार को जल्द ही अपनी नीतियों में सुधार लाना होगा वरना कही पंजाब जो एक समय में ऊंचाइयों को छू रहा था कही , श्री लंका की तरह डूब न जाए। पंजाब से जाती इंडस्ट्री को रोकना होगा जिसके लिए सरकार ने जो ट्रेडर बोर्ड बनाने का फैसला लिया था , उस पर अमल कर व्यापारियों से बैठक कर के व्यापारियों के हित की योजनाएं लानी होंगी। इस अवसर पर अश्विनी महाजन , प्रवीण शर्मा , आयुष अग्रवाल , पवन कुमार , रमेश महाजन उपस्थित थे !