Tuesday, May 13

टेक्नोलॉजी के जरिये अमेज़न -फ्लिपकार्ट के विरोध का नायाब तरीका अपना रहा है हरकेश मित्तल अदक्ष पंजाब कैट

  • अमेज़न का कथन झूठ का पुलंदा – सरकार तुरंत लाये नया प्रेस नोट

लुधियाना,(संजय,मिंका)-भारत के ई कॉमर्स व्यापार को बेहद दूषित करने और अपनी मनमानी करते हुए सरकार के नियम एवं नीति की लगातार अवहेलना पर जबरदस्त विरोध प्रकट करने हेतु कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने होली के त्यौहार पर पारम्परिक रूप से होलिका दहन कार्यक्रम में इस बार होली के दिन आगामी 28 मार्च को विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों अमज़ोन एवं फ्लिपकार्ट के पुतले देश भर में व्यापारी संगठनों द्वारा जलाने के निर्णय की घोषणा की थी ।लेकिन इस घोषणा के तुरंत बाद कोविड महामारी के तेज़ी से बड़ते प्रकोप को देखते हुए केंद्र सरकार एवं विभिन्न राज्य सरकारों ने एतियाहत के तौर पर कोविड दिशानिर्देश लागू किए हैं जिसके अंतर्गत किसी भी प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाया गया है । इस अचानक से बनी स्तिथि को देखते हुए कैट ने कोविद दिशानिर्देशों का पालन करते हुए अपने पुतला जलाने के कार्यक्रम में थोड़ा बदलाव कर टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए विरोध प्रदर्शित करने का एक अनोखा तरीक़ा अपनाया है जो संभवतः विश्व में पहली बार कोई संगठन इस तरीक़े से विरोध दर्ज कराएगा ।* कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने अपनी तरह के इस ख़ास विरोध प्रदर्शन के बारे में बताते हुए कहा की अब यह विरोध प्रदर्शन वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से होगा जिसमें देश के सभी राज्यों के प्रमुख व्यापारी नेता जुड़ेंगे और एक साथ अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट के पुतले जलाएंगे ! इस सम्बन्ध में कैट ने देश भर के व्यापारी संगठनों से आग्रह किया है की 28 मार्च को वीडियो कांफ्रेंस पर आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में भाग लेते हुए व्यापारी अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट का पुतला जलाएं ! कैट ने व्यापारी संगठनों को भेजे एक सन्देश में कहा है की ” आपको केवल इतना करना है की या तो बाज़ार से बने बनाये दो पुतले खरीद लें अथवा अपने घर में लगभग 18 इंच या 24 इंच के दो पुतले तैयार कर लें तथा एक पुतले पर अमज़ोन एवं दूसरे पुतले पर फ्लिपकार्ट बड़े बड़े शब्दों में लिख लें अथवा एक पुतले पर अमेज़न के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेफ़ बेजोस का चित्र लगा लें और जब वीडियो मीटिंग में कहा जाए तब दोनों पुतले एक साथ जला दें *। श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने इस विरोध प्रदर्शन को ऐतिहासिक और इनोवेटिव बताते हुए कहा की अपनी तरह का विरोध दर्ज़ कराने का यह एक नया तरीक़ा होगा जिसमें टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग करते हुए पूरब से पश्चिम तक और उत्तर से दक्षिण तक के सभी राज्यों में व्यापारी संगठन एक साथ अमज़ोन एवं फ्लिपकार्ट के पुतले जलाएंगे ! उन्होंने कहा की यह कार्यक्रम विश्व में विरोध के इतिहास में कैट एक नया अध्याय लिखेगा और पूरे विश्व को पता लगेगा की यदि परिस्थितियां अनुकूल न हों तब टेक्नॉलजी भी विरोध का मज़बूत हथियार बन सकती है ।

डीपीआइआइटी की मीटिंग में कल अमेज़न द्वारा दिए गए वक्तव्य पर प्रतिक्रिया :

कल केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय द्वारा ई कॉमर्स के मुद्दे पर आयोजित की गई बैठक में अमेज़न के कथनों को बेहद हास्यास्पद बताते हुए श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा की जो लोग लगातार क़ानून का उल्लंघन कर रहे हैं उन लोगों का सरकार को उपदेश देना ऐसा है जैसे खिस्यानी बिल्ली खम्बा नौचे । अमेज़न ने कहा की नीति में बदलाव भारत में विदेश निवेश को हतोत्साहित करेगा जो बेहद तर्कहीन है । अमेज़न जैसी कंपनियों में विदेशी निवेश उनकी अपनी कम्पनी में देश के नियम एवं क़ानून तोड़ने के लिए किया जाता है । इस प्रकार के विदेशी निवेश से देश को कोई फायदा नहीं है बल्कि ये कंपनियां भारत में व्यापार कर उसका सारा लाभ अपने देश में ले जाती हैं । अमेज़न का यह कहना की उसने डेढ लाख नए व्यापारी अपने पोर्टल पर जोड़े हैं बिलकुल बेहूदा तर्क है । सवाल यह है की इन व्यापारियों में से कितनों को अमेज़न से व्यापार मिलता है । यह सर्वविदित है की अमेज़न पर होने वाली कुल बिक्री का 80 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा अमेज़न की चहेती केवल 35 कंपनियों के जरिये से होता है , देश के व्यापारियों को इसका क्या फायदा है । कैट के राष्ट्रीय वाईस चैयरमैन श्री ब्रजमोहन अग्रवाल एवं राष्ट्रीय मंत्री श्री सुमित अग्रवाल ने कहा की एफडीआई नीति के प्रेस नोट 2 में यह साफ़ किया गया है की ई कॉमर्स पोर्टल पर माल बेचने वाले प्रत्येक विक्रेता का पूरा विवरण पोर्टल पर लिखा जाना जरूरी है लेकिन अमेज़न पर आज भी जो आर्डर दिए जाते हैं वो सीधे अमेज़न के पास जाते हैं और फिर वो तय करता है की आर्डर किस विक्रेता को दिया जाए और यह सारे आर्डर अमेज़न की चहेती कंपनियों को दिए जाते हैं । यह साफ़ तौर पर सरकार की नीति का उल्लंघन है । दोनों व्यापारी नेताओं ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पियूष गोयल से जोरदार शब्दों में मांग की है की प्रेस नोट 2 को बदल कर नया प्रेस नोट जारी किया जाए और विदेशी कंपनियों की मनमानी को रोकने के लिए कड़े प्रावधान लाये जाएँ जिनका कड़ाई से पालन हो और यदि कोई उसका उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए ।

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