Thursday, March 13

अपने अंदर छिपी खुशी को पहचानने की प्रेरणा देती जुलियन सिडाना

  • “इन सर्च ऑफ जुलियन” को लुधियाना में किया गया स्क्रीन,  अगले महीने दिल्ली में होगी स्क्रीनिंग, शॉर्ट फिल्म का हिंदी ऑडिशन भी आएगा

लुधियाना (संजय मिंका, विशाल) असली खुशी दूसरों के लिए खुद को कष्ट देना या फिर दूसरों को कष्ट पहुंचाना नहीं होती, बल्कि असली खुशी आपके अंदर ही छिपी है, जिसे आपको पहचानने की जरूरत है। यह हर उम्र से जुड़े व्यक्ति के साथ हो सकता है और जूलियन सिडाना ने 37 मिनट की शॉर्ट फिल्म के साथ इस खुशी के महत्व को लोगों के सामने रख रही है। जिसका शीर्षक “इन सर्च ऑफ़ जूलियन” रखा गया है। लुधियाना के होटल महाराजा एजेंसी में फिल्म की स्क्रीन के अवसर पर जूलियन सिडाना ने बताया कि यह कहानी सिर्फ 16 साल कि उस लड़की की है, जो पढ़ने के लिए घर से दूर हॉस्टल में जाती है। जहां उसे नए लोग मिलते हैं और उनके साथ दोस्ती करने की कोशिश में उसे वह सब सहन करना पड़ता है, जो जूलियन के अस्तित्व को ही भुला देता है। वह कभी दूसरों का होमवर्क करती है, तो कभी उनके साथ अपनी पसंदीदा चीजों को ना चाहते हुए भी बांटती है। यह सिलसिला तब तक चलता रहता है, जब वह कोविड टाइम के चलते छुट्टियों के लिए अपने घर वापिस आती है।जूलियन को अपनी जिंदगी में हुए बदलाव का एहसास घर पहुंचने के बाद होता है। वह उसे जूलियन को ढूंढती है, जो हॉस्टल में जाने से पहले थी। जूलियन को डायरी लिखने की आदत होती है और उसकी यह हैबिट इस शॉर्ट फिल्म के निर्माण का आधार बनती है। एक दिन जूलियन के सोने के दौरान उसकी मां यह डायरी पढ़ती है, तो उसे अपनी बेटी के हालातों के बारे में पता चलता। वह नहीं चाहती कि उनकी बेटी के साथ बीती घटनाएं किसी अन्य के साथ न हों। इसके अलावा, यह फिल्म युवाओं को भी उत्साहित करती है।इस क्रम में, 37 मिनट की यह भावनात्मक शॉर्ट फिल्म एक छोटी लड़की की मानसिक हालत के बारे में बताती है और यह हालत हर उम्र वर्ग से जुड़े व्यक्ति के साथ जुड़े हो सकते हैं। इस शॉर्ट फिल्म को अब तक 7 फिल्म अवार्डस मिल चुके हैं और अगले महीने इसकी दिल्ली में भी स्क्रीनिंग होगी। उन्होंने बताया कि फिलहाल यह फिल्म इंग्लिश भाषा में है, जिसे आने वाले दिनों में इंग्लिश सबटाइटल्स के साथ हिंदी ऑडिशन में भी तैयार किया जाएगा।  

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