- जिसके सिर पर गुरू का हाथ नही उनकी राम से बनती बात नही
लुधियाना ( संजय मिंका) नौलखा बाग कालोनी स्थित तपोमय भूमि श्री रामशरणम् आश्रम में गुरु पूर्णिमा महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। गुरु पूर्णिमा महोत्सव के उपलक्ष्य में विशेष सत्संग का आयोजन किया गया। सत्यंग में सर्वप्रथम भक्त महेश जी ने श्री अमृतवाणी का पावन पाठ किया। भक्त महेश जी ने स्वामी सत्यानंद जी महाराज एवं ब्रह्मचारी श्री राम प्रकाश जो की महिमा गाई। उन्होंने कहा कि जैसा कि सर्व विदित है, गुरु बिन ज्ञान कहा और गुरु बिन ध्यान कहा, ब्रह्मचारी जी महाराज कहा करते थे गुरूकृपा के बिना हृदय कमल नही खिलता ।चाहे कितने भी यत्न कर लो जिसके सिर पर गुरू का हाथ नही उनकी राम से बनती बात नही । जब गुरू कृपा करते तो नाम मन्त्र का महा दान देकर राम से सम्बंध जोड़ देते है । उनका हृदय कमल खिल जाता है ।मन को आनंद की प्राप्ति हो जाती है।गुरु मिले तो बंधन छूटे ” ,” गुरु मिले तो बंधन छूटे”इस लिए तो गुरु को भगवान से भी ऊंचा स्थान दिया गया है। जीवन रूपी भवसागर को गुरु नाम रूपी नौका के बिना पार करना असम्भव है। गुरु की आज्ञा का पालन करना ही सब से बड़ी गुरु पूजा है। गुरु कृपा से नाम जप कर मनुष्य जन्म सफल हो जाता है। राम कृपा से संत मिलते हैं, संत कृपा से राम मिल जाते हैं। गुरु के बताए मार्ग पर चल कर जीवन को सफल बनाए। गुरु कृपा बिना परमार्थ सिद्ध नहीं होता। गुरू जन तब प्रसन्न होते जब साधक अधिक से अधिक नाम जाप करता है।गुरु के मार्गदर्शन में जीवन दिशा ही परिवर्तित हो जाती है। गुरु अपनी प्राण ऊर्जा से शिष्य के अन्तःकरण को ओतप्रोत कर उसमें नई शक्ति का संचार करता है, उसे नया जीवन देता है। अज्ञान के अंधकार में फंसे मानव को बाहर निकालने के लिए गुरु अपनी ज्ञान शलाका से उसकी आँखों में वो अंजन लगाता है कि उसे जीवन का वास्तविक उद्देश्य और अपनी भावी भूमिका स्पष्ट नजर आने लगती है।
सत्संग के समापन पर प्रीति भोज किया गया। इस अवसर पर सुंदर ताल अरोड़ा, बानू बहल, राम विनोद शर्मा, आदी उपस्थित थे