Saturday, June 28

लुधियाना विधान सभा साऊथ हलके से पार्टी टिकट न मिलने से निराश हो कर के के बावा ने मंत्री भारत भूषण आशू के खिलाफ चुनाव लडऩे का बिगुल बजाया

  • पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता कृष्ण कुमार बावा का दर्द छलकाकांग्रेस बचाऔ मोर्चे का गठन करने का ऐलान

लुधियाना (विशाल, राजीव)- पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता व पंजाब राज्य उद्योग विकास निगम के चेयरमैन कृष्ण कुमार बावा ने लुधियाना विधान सभा हलका साऊथ से पार्टी टिकट न मिलने से निराश हो कर पश्चिमी विधान सभा हलके से मंत्री भारत भूषण आशू के खिलाफ चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया है।पंजाब में आंतकवाद के काले दौर में आंतकवादियों की गोलियो का सामना करने वाले पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता कृष्ण कुमार बावा ने अपनी दोनो टांगों में लगी ऐ के 47 की लगी गोलियों के निशान दिखाते हुए यह भी बताया कि इस घटना में उनके दो साथी मारे गए थें। जब कि वह बाल बाल बच गए थें। उस समय के मुख्यमंत्री बेअंत ङ्क्षसंह ने लुधियाना के सीएमसी अस्पताल में बकायदा निजी तौर पर पहुंच कर उनका हाल चाल पुछा था और उनकी बहादुरी हेतु पीठ थपथपाई थीं। जब 1992 में आंतकवादियों के डर से अकालियों ने पंजाब विधान सभा चुनाव का बायकाट कर दिया था तों उस समय बावा ने अपने गांव रकबा में एकेले घर से बाहर निकल कर मतदान किया था। जब वोटो की गिणती हुई तों वोटो के बॉक्स से केवल एक ही वोट मिली थी। जो एक रिकार्ड है।  आज उस समय बावा का दर्द छलक उठा जब कांग्रेस हाईकमांड ने उनके 45वर्ष के संघर्षमयी जीवन को दरकिनार करते हुए लुधियाना विधान सभा हलका साऊथ से उनको टिकट न देकर उनके साथ बेइंसाफी की गई है।   बावा ने कहा कि टिकटो को बांटने के समय पार्टी की गांधीवादी विचारधारा व सोच को अलग अलग करना कांगे्रसी वर्करो के लिए चिंता का विषय है। आज तों कांग्रेस के वजूद पर खतरा मंडराने लगा है। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस पार्टी में हालात यह है कि कांग्रेस पार्टी के मंत्रीयों,सांसदों व विधायको को अपने परिवारिक सदस्यों के अलावा कुछ नजर नहीं आता। यहीं पर बस नहीं हमारे मुख्यमंत्री अपने भाई को चुनाव मैदान में खड़ा कर चुके है। यह सभी कुछ दिल्लीं से इंचार्ज बन कर आए नेता के संरक्षण में एक गहरी साजिश अधीन हो रहा है। ऐसे लगता है इस साजिश से गांधी परिवार भी अनजान है।बावा ने कहा कि आज जरूरत है कांग्रेस बचाऔ मोर्चे का गठन करके टकसाली कांग्रेसीयों को एक पलेटफार्म पर एकजुट हो और कांग्रेस के उज्जवल भविष्य हेतु सोचे। क्योंकि मंहगे मुल्य मिली आजादी को आज के नेता भुल चुके है। आज गांधी के नोटो के इर्द गिर्द घुमने वाले नेतायों से कांग्रेस को बचाने की जरूरत है। आज के नेतायों को स्वतंत्रता संग्रामी परिवार,आंतकवाद के समय शहादत का जाम पीने वाले 2500 कांग्रेसी वर्कर और न ही देश भगत परिवार दिखाई दे रहे है। उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि वह कांग्रेस पार्टी के वफादार सिपाही है और अंतिम सांस तक रहेगे। 

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