- मुस्लिम भाईचारे की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वालों की जांच करवा कार्रवाई अमल में लाए प्रशासन-अब्दुल मलिक/रहमान
लुधियाना (संजय मिका,विशाल) :गत समय पूर्व गांव नूरवाला में वक्फ बोर्ड की जमीन पर बच्ची के शव को दफनाने को लेकर विवाद होने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि पहले बच्ची को उस जमीन पर दफना दिया गया।बाद एक पक्ष द्वारा कोर्ट से लीज़ जमीन पर ली बता पुलिस की उपस्थिति शव दफनाने कि कार्यशैली को रूकवा दिया गया। वहीं संबंधित जानकारी देते उक्त स्थान की देखरेख करने वाले एवं मुस्लिम सोसाइटी के प्रधान अब्दुल मलिक त्यागी और सेक्टरी रहमान त्यागी ने बताया कि उन्हें सूचना मृतक बच्ची के परिवारिक सदस्यों की तरफ से प्राप्त हुई। जिसके बाद वह उक्त स्थान पर पहुंच गए। जिस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग एकत्रित होने शुरू हो गए।मामला बताते कहा कि गांव नूरवाला में यह जमीन में बीते 30 वर्ष से देखरेख कर रहे हैं।उक्त जमीन वक्फ बोर्ड की है। जहां मुस्लिम समुदाय के लोगों को दफनाने के लिए जमीन को बतौर कब्रिस्तान इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसके चलते न्यायालय ने भी मुस्लिम समुदाय के हक में इस जमीन को इस्तेमाल करने के आदेश दिए हुए हैं। लेकिन आज जो बच्ची को दफनाने के लिए रुकावट पैदा की गई है। जिससे मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि उक्त कार्यशैली रोककर विवाद पैदा करने वाले शरारती तत्वों के खिलाफ जांच के दौरान कार्रवाई अमल में लाई जाए। विशेष अब्दुल और रहमान ने कहा कि उक्त जमीन जो कब्रिस्तान के लिए है।उसपर पहले भी बीते वर्ष की जून को एक व्यापार मजबूत शख्स द्वारा इमारत बनाने के लिए निर्माण शुरू किया गया था। लेकिन उनके द्वारा कोर्ट में याचिका दायर करने उपरांत माननीय न्यायालय ने अगस्त में उक्त निर्माण कार्य रुकवा कर फैसला मुस्लिम समुदाय के हक में दिया था। वही मौके पर उपस्थित बच्ची के परिवारिक मेंबर ने बताया कि बच्ची के दफनाये शव को निकालने के बाद अन्य गांव के कब्रिस्तान मैं जाकर दफनाया गया। कहां की यदी मुस्लिम समुदाय को जारी की गई जमीन पर उनका हक नहीं होगा तो वह कहां जाएंगे।