Thursday, March 13

जिन कारणों के कारण कैप्टन अमरेंद्र सिंह को सीएम पद से उतारा गया था, वो कारण आज भी ज्यों के त्यों : परमिंदर मेहता

लुधियाना (विशाल, अरुण जैन)- पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सीनियर नेता  परमिंदर मेहता ने आज सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान लोक हितों के मुद्दों को जबरदतस्त तरीके से उठाया। पत्रकारों से बातचीत करते हुए मेहता ने ब्यूरोक्रेसी व राजनीतिज्ञों की मिलीभगत से भ्रष्ट तरीके से पंजाब सरकार के खजाने को लंबे समय से लगाये जा रहे चूने पर सवाल खड़े किए और कहा कि भले सरकारों में सत्ता परिवर्तन हो जाते है लेकिन राजनीति व प्रशासन में सक्रिय भ्रष्ट तत्वों का नेक्सस इतना मजबूत है कि अप्रत्यक्ष रूप से सरकार के अंदर इनका ही कंट्रोल दिखता है। मेहता ने याद दिलाया कि पाटी द्वारा अपने चुनावी मैनिफेस्टों में इस नेक्सस को खत्म करने के लिए खास तौर पर मंत्री, एमएलए व ब्यूरोक्रेट्स को अपनी चल अचल संपत्ति की रिटर्न हर साल देने की बात कही थी लेकिन यह लंबे समय से ठंडे बस्ते में है। इससे स्पष्ट है कि इस नेक्सस का नियंत्रण ऐसा मजबूत है कि ईमानदार से ईमानदार सरकार भी आ जाए तो यह नेक्सस किसी न किसी तरीके से भ्रष्ट  साम्राज्य को पुन: स्थापित करने में जुट ही जाते है।  मेहता ने कहा कि खुद पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू की खुले मंचों के जरिये इस नेक्सस को तोडऩे की बातें करते आ रहे है लेकिन इसके बावजूद अभी भी ऐसा महसूस होता है कि पूर्व सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह के कार्यकाल के दौरान स्थापित विरासत को कुछ राजनीतिज्ञ व सीनियर अधिकारी अभी भी बढ़ावा देने में लगे हुए है। उन्होंने खुलासा करते हुए कहा कि यदि किसी एक सरकारी विभाग को उठा लिया जाए तो उसमें ही दस से पंद्रह सौ करोड़ रूपये सालाना कथित रूप से भ्रष्टाचार व कमिशनखोरी के रूप में निजी जेबों में जाता है। अगर यही पैसा  सरकारी खजाने में जाए तो सरकारें आर्थिक तौर संपन्न होगी साथ ही गरीब तबके के कल्याण के लिए दी जाती योजनाओं पर भी अमल हो सकेगा। उन्होंने दुख जाहिर किया कि आज जितने राजनीतिक   दल है वह मुफतखोरी को बढ़ावा देने वाले ऐलान करने में जुटे हुए है जोकि राज्य की आर्थिकता को कमजोर  करने वाले कदम है। यदि सही में राजनीति में सेवा भाव है तो एक व्यक्ति एक पैंशन का कानून लाया जाए ताकि वो पैसा केवल निर्बल व असहाय लोगों के कल्याण के लिए काम आ सके।  उन्होंने राज्य के युवा वर्ग के शक्षा व रोजगार प्राप्ति  के लिए दूसरे राज्यों व विदेशों में जाने पर दुख जाहिर करते हुए कहा कि पूर्व सरकारों ने अब तक इसमें कोई महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाये है जिससे पंजाब का अधिकतर धन पंजाब से बाहर जा रहा है। कहीं ऐसा न हो कि आने वाले समय में पंजाब न युवा रहे व न ही  राजस्व। इसके लिए सरकारों को युवा वर्ग के लिए आईटी व अन्य रोजगारोन्मुख कदम उठाये जा ने चाहिए। मेहता ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस सरकार के बावजूद मौजूदा हालातों के चलते कांग्रेस पार्टी का वर्कर भी मायूस है । न तो वर्कर को सरकार में कोई सममान मिल पाया है  और न ही संगठन में । खासकर  प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के ताजा बयान की कि उन्हें पदाधिकारी तक घोषित नहीं करने दिए जा रहे है, को सुनने के बाद वर्कर और अधिक निराशा में आ गए है। उन्होंने दुख प्रकट किया कि जिन कारणों के कारण कैप्टन अमरेंद्र सिंह को सीएम पद से उतारा गया था, वो कारण आज भी ज्यों के त्यों है। कैप्टन अमरेंद्र सिंह के समय में हुए एक सर्वे के दौरान जिन कांग्रेस पार्टी के  करीब चालीस एमएलएज की कारगुजारी नेगेटिव आई थी और वो कैप्टन को हटाने की मुहिम में सिद्धू के साथ हुए लेकिन अब वो सिद्धू की ईमानदारी व पंजाब माडल के मुद्दों पर अपनी टिकटकटती देखकर पार्टी संगठन को खड़ा करने में अडचने पैदा कर रहे है।  जबकि पंजाब में सत्ता की  वापसी का रास्ता सिद्धू की ईमानदारी व  पंजाब माडल से ही होकर निकलता है। इस अवसर पर सरबजीत  सिंह बंटी, रविंदर स्यान आदि भी उपस्थित थे।

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