Thursday, March 13

किसानो के मददगार राम सिंह राणा बाबा बंदा सिंह बहादुर अंतर्राष्ट्रीय फाऊडेंशन द्वारा गोल्ड मैडल से सम्मानित

  • राणा ने श्री गुरू नानक देव जी के सांझीवालता व बांट कर छकने का उपदेश अपने हिरदे में धारण करके मानवता की सेवा की-गिलचिया
  • राणा ने किसानी आंदोलन दौरान किसानों की मदद करके दुनियां भर में मिसाल कायम की-बावा
  • किसानों की जीत हो गई है,मैंने तों 2024 तक की तैयारी कर लीं थीं- राम सिंह राणा

लुधियाना,(संजय मिका,विशाल)- लगातार एक वर्ष तक दिल्लीं मेंं केन्द्र सरकार के किसान विरोधी कानूनों को रद्द करवाने की मांग को लेकर दिन रात डटे रहे किसानों की दिल खोल कर मदद करने वाले मददगार राम सिंह राणा गोल्डन हट का आज यहां स्थानीय सर्किट हाऊस में बाबा बंदा सिंह बहादुर अंतर्राष्ट्रीय फाऊडेंशन के प्रधान कृष्ण कुमार बावा की अगवाई में दीवान टोडर मल्ल की याद में किसान सेवा सम्मान प्रदान करते हुए गोल्ड मैडल,यादगारी चिन्ह व दौशाला भेंट कर सम्मानित किया गया। श्री राणा को सम्मान भेंट करने वालों में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस अमरीका के प्रधान महिंदर सिंह गिलचिया,फाऊडेंशन हरियाणा इकाई के प्रधान उमरांव सिंह छीना,पंजाब प्रधान करनैल सिंह गिल,कर्नल हरबंत सिंह काहलों,महिला कांग्रेसी नेता सतविदर बिट्टी,दर्शन सिंह लोटे,रेशम सिंह सगू,भगवान दास बावा,एस के गुप्ता,जरनैल सिंह,गुरमीत कौर व गुरप्रीत कौर सिदू व बादल सिंह सिदू आदि ने निभाई। 
 इंडियन ओवरसीज कांग्रेस अमरीका के प्रधान महिंदर सिंह गिलचिया ने कहा कि राम सिंह राणा ने श्री गुरू नानक देव जी के सांझीवालता व बांट कर छकने का उपदेश अपने हिरदे में धारण करके मानवता की सेवा की। वह उनको सलूट करते है। उन्होंने कहा कि पंजाब समेत देश भर के किसानों ने तानाशाह प्रधानमंत्री नरिंदर मोदी के घुटने लगवा दिए।
 फाऊडेंशन के प्रधान कृष्ण कुमार बावा व हरियाणा इकाई के प्रधान उमरांव सिंह छीना ने किसानी आंदोलन दौरान किसानों की मदद करके दुनियां भर में मिसाल कायम की है। बावा ने कहा कि किसानी संघर्ष केवल किसानों का नहीं था बलकि किसानों ने समूह देश वासियों की दिल्लीं की सरहदों पर दिन रात धरने देकर बिना बारिश,सर्दी व गर्मी की प्रवाह किए बिना लड़ाई लड़ी। नहीं तों आज मंहगाई ओर आसमान को छू जाती। उन्होंने बताया कि सोनीपत के नजदीक बैरागीयों का डेरा श्री खंडा है,यहां पर मंहत किशोर दास जी ने सेवा निभाई। यह वह एतिहासिक डेरा है।  3सितम्बर 1708 को दसवें पिता श्री गुरू गोबिंद सिंह जी के साथ बाबा बंदा सिंह बहादुर जी ने मिलाप के बाद यहां 9 महीने रूक कर फौज तैयार की। जिसमें हिंदू,मुसलमान व सिख थेंं। मुगल सामराज के 700 वर्ष का खात्मा केवल 2 वर्ष में करके एतिहास सिरज दिया। उन्होंने कहा कि आज भारत के किसानों ने एकजुटता के साथ जीत प्राप्त की जो कि एतिहासिक जीत है। आने वाली पीढिय़ों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी। बावा व छीना ने राम सिंह राणा व उनके परिवारिक सदस्यों को मुबारकबाद व शुभकामनाएं भेंट की।
किसानी आंदोलन दौरान किसानों के एक बड़े मददगार के रूप में उभर कर सामने आए गोल्डल हट के मालिक राम सिंह राणा ने भावुक होते हुए कहा कि जब किसानी आंदोलन शुरू हुआ तों उनको ऐसे लगता था कि कुछ दिनोंं में ही किसान फतेह का झंडा लहराते हुए वापिस चले जाएगे। जब आंदोलन आगे बढऩे लगा तों फिर उन्होंने अपने परिवार के सहयोग से 2024 वर्ष तक की तैयारी कर लीं थीं। राणा ने कहा कि किसानी आंदोलन की जीत के दौरान आपसी भाईचारे की मिसाल सामने आई है। लोकतंत्र मजबूत हुआ है। वह तों यह समझते है कि जितनी सेवा उनको किसान भाईयों की करनी चाहिए थीं,वह उतनी नहीं कर पाए। उन्होंने आज मिले गोल्ड मैडल व सम्मान के बारे में कहा कि इस तरह के सम्मान व्यक्ति को ओर मजबूती से जिम्मेवारी निभाने का रास्ता दिखाते है। यहां पर बता दें कि लुधियाना के सर्किट हाऊस से लेकर बाबा बंदा सिंह बहादुर भवन रकबा तक किसानों के मददगार राम सिंह राणा का दर्जनों गांवों की पंचायतों ने विशेष तौर पर सम्मान किया। किसानों के सच्चे हमदर्द राम सिंह राणा ने रकबा भवन में विशेष तौर पर म्यूजियम के दर्शन किए और बावा व उनके साथियों की तरफ से किए गए प्रंशसीय कार्य की तारीफ की। फोटो किसानों के सच्चे हमदर्द राम सिंह राणा को लुधियाना में गोल्ड मैडल ,यादगारी चिन्ह व दौशाला भेंट कर सम्मानित करते हुए बावा,गिलचिया,छीना व अन्य।

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