Thursday, March 13

स्टील की बढ़ती कीमतों का उद्योगपतियों ने किया विरोध प्रदर्शन

कारोबारियों का एलान, अगर सात दिन में स्टील की कीमतें न कम हुई तो करेंगे भूख हड़ताल, स्टील उद्योग की खरीद होगी बंद

लुधियाना (संजय मिका,विशाल)- स्टील की कीमतों में भारी वृद्धि के खिलाफ आज औद्योगिक संगठनों द्वारा लुधियाना के साइकिल बाजार में विरोध प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर कारोबारियों की ओर से एलान कर दिया गया कि अगर 7 दिनों के भीतर स्टील के दाम कम नहीं होते तो वे भूख हड़ताल पर चले जाएंगे और इंडस्ट्री स्टील की खरीद पूरी तरह से बंद कर देगी। इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन फास्टनर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, ऑल इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड फोरम, फेडरेशन ऑफ पंजाब स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, फास्टनर सप्लायर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से किया गया। इस अवसर पर कारोबारियों की ओर से केंद्रीय वित्त मंत्री व स्टील मंत्री के पुतले भी फूंके गए। इस अवसर पर कारोबारी संगठनों के प्रधान नरिंदर भंमरा व बदिश जिंदल ने कहा कि पब्लिक स्टील प्लांटस और निजी मुख्य स्टील प्लांट पिछले 8 दिनों में स्टील की कीमतों में लगभग 6000 रुपये प्रति टन की वृद्धि की। जिसके तहत पंजाब के बडे़ सैकेंडरी स्टील प्लांटस भी पिछले 10 दिनों में स्टील की कीमतों में 43800 से 49500 तक की वृद्धि की है। पिछले एक साल में स्टील के दाम बढ़कर करीब 20000 रुपये प्रति टन हो गए हैं। वृद्धि के पीछे मुख्य कारण भारतीय इस्पात गठबंधन के नाम से गठित भारतीय इस्पात कंपनियों का कार्टेल है। चौंकाने वाली बात यह है कि सरकारी स्टील कंपनियां भी इस कार्टेल का हिस्सा हैं। भारत सरकार और इस्पात मंत्रालय अपने निहित स्वार्थों के कारण मुद्दों पर चुप है। स्थानीय स्टील फर्नेस और रोलिंग मिलें एसएमएस कार्टेल के तहत काम कर रही हैं और हर घंटे कीमतों में बदलाव करती रहती हैं। जब भी उन्हें स्क्रैप की खरीद करनी होती है तो वे एसएमएस पर कीमतें कम करते हैं और बाजार से स्क्रैप प्राप्त करने के बाद वे स्टील की कीमतों में वृद्धि करते हैं। संगठनों ने सरकार पर आरोप लगाया कि जब भारतीय कंपनियों के अपने स्टील प्लांट हैं तो उन्हें कीमतों में हेरफेर करने की अनुमति क्यों है। बदिश जिंदल ने कहा कि अब स्टील कंपनियां और सरकार इन कीमतों के बढ़ने के पीछे चीन में आए कोयला संकट का बहाना बना रही है, लेकिन भारत के पास कोयले का पर्याप्त भंडार है और लंबे समय तक कोयले की कमी का प्रबंधन कर सकता है। इंडस्ट्री का मार्जिन 5% से अधिक नहीं है इसलिए ऐसी परिस्थितियों में इंडस्ट्री की ओर से 12% की वृद्धि को सहन करना कठिन है। इसलिए उद्योगों को अपना उत्पादन बंद करना होगा। इस अवसर पर राज कुमार सिंगला, कुलदीप सिंह, पंकज अग्रवाल, चरणजीत विश्वकर्मा, करण लांबा, रचपाल भांबरा, दीपिंदर भामरा, अतुल सेठी, चंदन, रूपिंदर, रूपिंदर, रूपिंदर ओबीरो सचदेवा, अजय अग्रवाल, सचिन गुप्ता, ललित अग्रवाल, राजा किंग, गुरजीत सिंह, जीवन सिंगला, इकबाल कथूरिया, सरबजीत सिंह, मनीष सिंगला, अवतार कथूरिया मौजूद थे।

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