लुधियाना (संजय मिका )- भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज के युवा नेता दीपू घई द्वारा बहादुर के रोड स्थित अपने कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की ,पत्रकारों को बताते हुए दीपू घई ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा 2 लाख से अधिक एस.सी विद्यार्थियों की पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप रोकी जाना एक दलित विरोधी कार्य है जिसकी वह कड़े शब्दों में निंदा करते है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट संस्थानों में पढ़ रहे 2 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों की 1549.06 करोड़ की राशि कैप्टन सरकार द्वारा रोकी गई है जिस कारण एस.सी छात्रों को बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है वह कॉलेज द्वारा उनके रोल नंबर रोके गए हैं.उन्होंने कहा कि इसमें 60% स्कॉलरशिप की राशि केंद्र सरकार ने जारी करनी थी और 40% स्कॉलरशिप पंजाब सरकार ने जारी करनी थी. केंद्र सरकार अपनी 60% स्कॉलरशिप राशि जारी कर चुकी है परन्तु पंजाब सरकार ने लाखों दलित विद्यार्थियों की 40% स्कॉलरशिप जारी नहीं की है। जिस कारण दो लाख से अधिक छात्रों का भविष्य खतरे में है और इसकी जिम्मेवार पंजाब की कैप्टन सरकार है। उन्होंने कहा कि जब इस संबंध में कॉलेजस मैनेजमेंट्स से बात गई तो कॉलेजस मैनेजमेंट्स का कहना है कि जब तक उनकी स्कॉलरशिप उनके अकाउंट में नहीं आ जाती, हम छात्रों को रोल नंबर नहीं देंगे जिसके चलते सभी स्टूडेंट्स के एग्जाम भी रोके जा सकते है और सभी एस.सी.स्टूडेंट्स का भविष्य दाव पर लगा हुआ है। दीपू घई ने कहा कि पंजाब सरकार पंजाब ज्यूडिशियल सर्विस में पीसीएस परीक्षा के अटेम्प्ट कम कर रही है और तो और पंजाब सरकार द्वारा प्रोम्शन इन रिजर्वेशन जो को भारतीय संविधान की धारा 16(4)16 (4) ए के तहत भारतीय संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकारो का भी हनन कर रही है। जिसके चलते पूरे पंजाब के दलित समाज में रोष है। दीपू घई ने कहा कि अगर समय पर पंजाब सरकार द्वारा स्कॉलरशिप की राशि जारी नही की गई तो पूरे पंजाब भर के दलित समाज के छात्रों बड़े संघर्ष का आगाज़ करेगें जिसकी जिम्मेदार कैप्टन सरकार होगी।
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