- रमजान शरीफ का महीना अल्लाह ताआला से इश्क और मोहब्बत का महीना है : शाही इमाम
लुधियाना, (अरुण जैन,विशाल) -आज पवित्र रमजान शरीफ के अलविदा जुम्मा के मौके पर फील्डगंज चौंक स्थित ऐतिहासिक जामा मस्जिद में मुस्लमानों ने सामाजिक दूरी बना कर नमाज अदा की। इस मौके पर संबोधित करते हुए पंजाब के शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने कहा कि रमजान शरीफ का महीना अल्लाह ताआला से इश्क और मोहब्बत का महीना है। इस मुबारक महीने में बंदा खुदा और उसके रसूल सल्ललाहु अलैहीवसल्लम से अपने इश्क का इकाहार करते हुए गुनाहों से तौबा करता है। इस पवित्र महीने में रोजदारों के साथ-साथ सभी इंसानों पर अल्लाह ताआला का विशेष कर्म होता है। शाही इमाम ने कहा कि इस मुबारक महीने में एक नेकी के बदले 70 नेकियों का सवाब दिया जाता है। खुदा से अपने गुनाहों की माफी मांगनें वालों की तौबा कबूल की जाती है। उन्होनें कहा कि रोजदारों को चाहिए कि वे चुगली जैसे गुनाहों से बचे। दूसरों का दिल दुखा कर खुदा की नाराजगी मोल ना लें। बल्कि रोजा रखने के बाद अपने गुनाहों की माफी मांगते रहा करें। शाही इमाम ने कहा कि अल्लाह ताआला बड़ा रहीम है और माफ करने वालों को पसंद करता है। अकड़ कर चलने वाले, घमंड करने वाले लोग खुदा को बिल्कुल भी पंसद नहीं है। मौलाना उसमान रहमानी लुधियानवी ने कहा कि रमजान के कुछ रोजे अभी बाकी है, हमें चाहिए कि इस वक्त की खूब कद्र करे और ज्यादा से ज्यादा इबादत में लगे रहे। खुले दिल से गरीबों की मदद करें, क्योंकि खुदा ने हमें देने वालों में रखा है न कि लेने वालों में। शाही इमाम ने कहा कि आपसी रंजिशों को खत्म करके एक-दूसरे से मोहब्बत का इकाहार करे। उन्होनें कहा कि मुसलमान इस आग उगलती गर्मी में भी तकरीबन 16 घंटे भूखा-प्यासा रह कर अपने रब्ब के हुक्म का पालन करता है। वर्णनयोग है कि आज पवित्र रमजान शरीफ के आखिरी जुम्मे के मौके पर विश्व भर में फैली कोरोना माहामारी को ध्यान में रखते हुए सभी कोरोना पीडि़तों के लिए विशेष दुआ करवाई गई।