
- सतगुरु रविदास जी की सोच को अमली जामा पहना हकीकत में बदलने की जरुरत : जिंदरपाल दड़ौच
लुधियाना,(संजय मिका,विशाल)- साहिबे-कमाल श्री सतगुरु रविदास जी महाराज के 644वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में बस्ती जोधेवाल चौंक स्थित श्री गुरु रविदास मंदिर में सभा अध्यक्ष जिंदरपाल दड़ौच की अध्यक्षता में आयोजित विशाल समागम में हजारों श्रद्धालुओं ने नतमस्तक होकर आर्शीवाद लिया। समारोह में डिप्टी कमिश्नर वरिन्द्र शर्मा,एडीसी अमरजीत बैंस,बसपा पंजाब के अध्यक्ष जसबीर सिंह गणी,अकाली दल शहरी अध्यक्ष रणजीत सिंह ढिल्लों,एडीसीपी प्रज्ञा जैन,सीनीयर कांग्रेसी नेता रमनजीत लाली,व्यापार बोर्ड पंजाब सरकार को चैयरमैन गुरप्रती गोगी,पार्षद कुलदीप जंडा,मोनू खिड़ा,विश्व गुरू रविदास मिशन के शिवराम सरोए,प्रमुख व्यापारी मलकीत जनागल,समाज सेवक केके सूरी सहित राजनितिकि,सामाजिक,धार्मिक व व्यापारिक संगठनो के प्रतिनिधियो ने समागम में शामिल होकर उपस्थित जनसमूह को श्री गुरु रविदास जी के आगमन पर्व की बधाई दी । पंजाबी गायक कंठ कलेर व एस एस आजाद की तरफ से प्रस्तुत शब्द जन्म दिन कांशी वाले सतगुरु दा… अस्सी उडदे आसरे तेरे..,वधाईया जी वधाईयां..की प्रस्तुति पर गुरु रविदास नामलेवा संगत ने भाव विभोर होकर गुणगान किया। श्री गुरु रविदास मंदिर में सभा अध्यक्ष जिंदरपाल दड़ौच ने गुरु रविदास जी को नमन करते हुए कहा कि गुरु जी ने समाज में फैली कुुरितयों के खिलाफ जो अलख जगाई थी उस पावन सोच पर पूरी तरह से अमल की जरुरत है। गुरु जी की तरफ से बताए मार्ग पर चलने की बजाए हम लोगो ने उनको पढने तक ही सीमित रखा। मगर हकीकत में अमली जामा नहीं पहनाया। अब जरुरत है कि हम सब मिलकर गुरु साहिब के बताए मार्ग पर चलकर बेगमपुरा शहर का स्वपन साकार करें। जहां कोई जातिवाद न हो और न ही कोई छोटा बड़ा। इससे पूर्व प्रात:कालीन समय में श्री आखंड पाठ के भोग के उपरांत रागी सिंहो ने श्री गुरु रविदास की इलाही बाणी की कीर्तन कर संगत को निहाल किया। आरती उच्चारण के साथ समारोह को विश्राम दिया गया। प्रधान जिंदरपाल दड़ौच ने उपस्थित जनसमूह का आभार व्यक्त करते हुए युवा पीढ़ी से आग्रह किया कि सतगुरु रविदास जी के बताए मार्ग पर चलकर धर्म व समाज की सेवा कर समाज के प्रति अपना दायित्व निभाएं। श्री गुरु रविदास मंदिर सभा के अध्यक्ष जिंदरपाल दड़ौच,चेयरमैन मेजर सिंह शींहमार,महासचिव नरिन्द्र बिट्टू,उपाध्यक्ष डा.रामजीत सूद,प्रचार सचिव राजिन्द्र मूलनिवासी,दर्शन लाल गंगड़,मैंबर रमेश रसीला,मैंबर सुक्खा राम लाखा,जसवीर लधड ने समूह सदस्यों सहित समागम में शामिल हुए गणमान्य अतिथियों व समारोह के आयोजन में सहयोग करने वाली शख्शियतों को सिरोपे व सतगुरु रविदास जी के पावन स्वरुप भेंट कर सम्मानित किया।