- संगठन जाग्रति सेना ने कोविड 19 के बड़े केस पर प्रशासन द्वारा पाबंधी के संकेत का किया विरोध
लुधियाना,(संजय मिका,विशाल)- संगठन जागर्ति सेना द्वारा मुख्य कार्यालय बसंत नगर शिवपुरी में मीटिंग का आयोजन प्रधान प्रवीण डंग की अध्यक्षता में किया गया।मीटिंग में प्रेस सम्बोधन में प्रधान प्रवीण डंग ने कहा कि हाल में कोरोना के बड़े केसों को लेकर प्रशासन द्वारा आयोजनों पर सीमित संख्या पाबंधी के संकेत दिए है और वायरस बारे लोगों को शिक्षित करने की बजाए उनपर तानाशाही हुक्म थोप रहे है जोकि मुगल जमाने की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान आमजन को आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ा है और अभी भी साधारण लोग आर्थिक तौर से उबरे नहीं है और गरीब आदमी इस वायरस के चलते बुरी तरह से पीस चुका है और सरकारों की तरफ से उन्हें किसी भी तरह का सरंक्षण नहीं दिया गया है और अब वायरस के बड़े केस का हवाला देकर प्रशासन जनता पर तानाशाही हुक्म थोपना चाह रहा है उनसे जागृति सेना मांग करती है कि सबसे पहले प्रशासन दिल्ली धरने पर जाकर किसानों को रोके और वहां जमावाड़ा पर अंकुश लगाए। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग समझदार है और अपना भला बुरा सोच सकते है यहां की जनता अपनी रोजी कमाने को अपना पसीना बहा रही है और जो धार्मिक.सामाजिक और राजनीतिक आयोजन होने है उनपर किसी भी प्रकार की रोक का संगठन जाग्रति सेना विरोध करेगी क्योंकि प्रशासन की जिम्मेदारी जनता में जागरूकता लाना है न कि उनपर तुगलकी फरमान जारी करना।उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान लोगों के जान माल की हानि हुई है लेकिन प्रशासन द्वारा उन्हें किसी भी प्रकार की सहायता मुहैया नहीं करवाई गई है.दूसरी तरफ प्रधान प्रवीण डंग ने कहा कि शहरी इलाकों में पुनः125 गज पर बिल पर बैन एकमात्र राजनितिक ड्रामा है क्योंकि सरकार को भली भाँती से ज्ञात है कि एक साल बाद विधानसभा चुनाव है और जनता के अनुरूप मौजूदा सरकार खरी नहीं उतरी है और जनता इनके खिलाफ विरोध और प्रदर्शन करेंगे और कोरोना की आड़ में इन विरोध प्रदर्शनों को रोकने की कबायत है। इस अवसर पर योगेश धीमान,मोहित स्याल उपस्थित हुए।