
लुधियाना(संजय मिका, अरुण जैन)-लुधियाना को बाल श्रम मुक्त बनाने की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए पुलिस कमिश्नर श्री राकेश अग्रवाल जी के दिशा निर्देशों पर एडीसीपी-4 रुपिंदर कौर सरां के नेतृत्व में एसीपी जंग बहादुर व एसीपी नार्थ को कमान सौंपी गई। एसीपी व तहसीलदार के नेतृत्व में रेस्क्यू टीम ने बस्ती जोधेवाल के अंतर्गत पड़ते सरदार नगर में मैसर्स. आर पी गारमेंट व मैसर्स. तोशिफ कलेक्शन से (जैकेट बनाने वाली फैक्टरियां) में रेड की गई। रेड दौरान टीम ने मैसर्स. आर पी गारमेंट्स से 3 व मैसर्स. तोशिफ कलेक्शन से 8 बँधुआ बाल श्रमिक मुक्त कराए। सभी बच्चे बिहार के रहने वाले है और माँ बाप से कोसो दूर बिना न्यूनतम मजदूरी के 12 से 13 घँटे काम करने पर विवश थे। बचपन बचाओ आंदोलन के दिनेश कुमार ने बताया कि उनको सितंबर माह में सूचना मिली थी कि बिहार से कुछ तस्कर उनके गाँवो से बच्चों को बहला फुसला कर लुधियाना के बस्ती जोधेवाल के सरदार नगर में लाये है और बच्चों से घण्टों काम करवाया जाता है। जिसके बाद हमने तुरंत जिला बाल सुरक्षा अधिकारी को रेड करने हेतु इसकी शिकायत दी थी, लेकिन जिला नोडल अधिकारी द्वारा चिन्हित फैक्टरी का पता पूछे जाने के चलते बचपन बचाओ आंदोलन की किसी भी शिकायत पर कार्यवाही नही की गयी। जिसके बाद आज बचपन बचाओ आंदोलन ने इसकी शिकायत पुलिस कमिश्नर जी को दी तो उन्होंने इस मामले की संवेदनशीलता को भांपते हुए तुरंत एडीसीपी-4 रुपिंदर कौर सरां जी को जिम्मेदारी सौंपी। अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए एडीसीपी रुपिंदर कौर ने तुरंत टीम तैयार कर 11 बँधुआ बाल श्रमिक मुक्त कराए। रेस्क्यू टीम में रेवेन्यू विभाग से तहसीलदार रेशम सिंह, डिप्टी डायरेक्टर फैक्ट्री सुखविंदर सिंह भट्टी, सेहत विभाग से डॉक्टर हरि ओम गुप्ता, शिक्षा विभाग से दलजीत सिंह, लेबर विभाग से इंस्पेक्टर इंदरप्रीत कौर, हरप्रीत कौर, जिला बाल सुरक्षा यूनिट से संदीप पन्नू, पुलिस विभाग से एसीपी जंग बहादुर, एसीपी , इंस्पेक्टर स्पेशल ब्रांच जुनेजा एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग विंग की पुलिस फोर्स के साथ टीम के इंचार्ज निर्दोष कौर, बचपन बचाओ आंदोलन के दिनेश कुमार व अन्य शामिल थे।