Friday, May 9

किसी नियम में कम व्यापारी हैं इसलिए उसको स्थगित रखना मुश्किल है,कोई पुख्ता आधार नहीं है – कैट ने वित्त मंत्री सीथारमन से कहा हरकेश मित्तल कैट अङ्क्ष पंजाब

लुधियाना,(विशाल,अरुण जैन)-कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने हाल ही में जीएसटी नियमों में जोड़े गए अनेक नियमों को स्थगित रखने की मांग को आज फिर दोहराया है और वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीताराम से आग्रह किया है की जीएसटी एवं आयकर दोनों के तहत ऑडिट रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को आगे बढ़ाया जाए । कैट ने विवाद से विश्वास स्कीम को भी 31 मार्च तक आगे बढ़ाने की मांग की है ! केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीथारमन को आज भेजे एक पत्र में कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि किसी भी जीएसटी नियम के तहत आने वाले व्यापारियों की संख्या, इस नियम को स्थगित करने का कोई कारण नहीं हो सकती बल्कि वास्तव में सबसे महत्वपूर्ण बात यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी नियम प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के अनुरूप है या नहीं। कैट की जीएसटी नियमों को स्थगित रखने की मांग पर मीडिया में हाल ही में प्रकाशित एक आधिकारिक बयान या जिसमें कहा गया था कि लगभग 45 हजार व्यापारिक प्रतिष्ठान नियम 86 बी के दायरे में आएंगे और इसलिए इस नियम को स्थगित करने का कोई औचित्य नहीं है। श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि हाल ही में व्यापारियों के साथ कोई परामर्श किए बिना जीएसटी में विभिन्न नियम जोड़े गए हैं। इसके अलावा नियम 22 दिसंबर, 2020 को अधिसूचित किए गए थे और उनको लागू करने की तिथि 1 जनवरी, 2021 है। केवल 9 दिनों के थोड़े समय में इलेक्ट्रॉनिक सॉफ़्टवेयर पर आधारित नियमों को समझना और उनका पालन करना बेहद मुश्किल है । श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि अधिक महत्वपूर्ण सवाल यह है कि जीएसटी में हाल ही में जोड़े गए उक्त नियम कर प्रणाली को जटिल बना रहे हैं और व्यापारियों पर अधिक अनुपालन बोझ डाल रहे हैं तथा प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के “इज ऑफ़ डूइंग बिजनिस” के स्पष्ट आह्वान के तुरंत विरुद्ध हैं । श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि कैट की अगुवाई में देश का कारोबारी समुदाय जीएसटी कर आधार को विस्तृत करने तथ केंद्र एवं राज्य सरकारों को अधिक से अधिक राजस्व मिले, इस हेतु लगातार प्रयतनशील है लेकिन इस उद्देश्य के लिए जीएसटी कराधान प्रणाली का सरलीकरण और युक्तिकरण करना समय की आवश्यकता है। दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा की  “हम इन उद्देश्यों के लिए सरकार के साथ एक अभिन्न भागीदार बनने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं और इसलिए सरकार के साथ साझेदारी करने के लिए अधिक इच्छुक हैं ”। चूंकि सरकार और व्यापारियों दोनों की राय में  कोई मतभेद नहीं है, इसलिए सरकार और व्यापारी मिलकर इस दिशा में बेहतर काम कर सकते हैं । दोनों नेताओं ने कहा की इस पहल को शुरू करने के लिए सरकार हाल ही में जीएसटी में जोड़े गए नियमों के क्रियान्वयन के 31 मार्च 2021 तक स्थगित रखे और इसी बीच व्यापारियों से बातचीत कर   कैट द्वारा सुझाये गए तीनों प्रस्तावों पर चर्चा शुरू कर भविष्य का रोडमैप तैयार किया जाए ।
श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने वित्त मंत्री श्रीमारी सीथारमन से आग्रह किया की जीएसटी एवं आय कर ऑडिट रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2020 के 31 मार्च 2021 तक आगे बढ़ाया जाए !चालू वर्ष में कोरोना ने व्यापारिक वर्ग के अनेक दर्द दिए हैं और हम व्यावसायिक गतिविधियों को फिर से जीवंत करने के लिए बिना किसी सरकार सहायता के अपने स्वयं के स्तर पर प्रयास कर रहे हैं  श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने “विवाद से विश्वास ” योजना सरकार का एक बड़ा क्रांतिकारी कदम है लेकिन कोरोना के कारण अधिकतम व्यापारी उक्त योजना का लाभ नहीं उठा सके और इसलिए इस योजना की अंतिम तिथि भी 31 मार्च  2021  तक बढ़ाई जाए ।

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