
लुधियाना,(संजय मिका ,विशाल)-सतीश चंद्र धवन राजकीय महाविद्यालय लुधियाना के स्नातकोत्तर हिंदी विभाग एवं शोध केंद्र द्वारा आज हिंदी दिवस रूपी राष्ट्रीय पर्व मनाया गया। आज की शाम हिंदी के नाम के अंतर्गत ऑनलाइन जूम मीटिंग के माध्यम से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर धर्म सिंह संधू , डॉ मुकेश कुमार अरोड़ा (सीनेट मेंबर पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़), विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर अश्वनी भल्ला, विभाग के प्राध्यापक डॉक्टर सौरव कुमार, प्रोफेसर सोनदीप, प्रोफेसर इंद्रजीत पासवान विशेष रूप से मौजूद रहे। विभाग की परंपरा का निर्वाह करते हुए इस कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से की गई। तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत किया गया।हिंदी दिवस रूपी राष्ट्रीय पर्व के इस अवसर पर प्राचार्य डॉ संधू ने कहा की हिंदी में भारत की आत्मा निवास करती है। उन्होंने यह जोर देकर कहा के हिंदी संपूर्ण भारत को एक सूत्र में पिरोती है। एक यही भाषा है जिसे भारत की राष्ट्रीय भाषा कही जा सकती है। हिंदी भाषा और साहित्य के लोकप्रिय प्राध्यापक डॉ मुकेश कुमार अरोड़ा ने अपने संबोधन में कहा के हिंदी सिर्फ कवियों और लेखकों की भाषा नहीं है बल्कि यह रोजगार की भाषा है। आज रोजगार के तमाम अवसर इस भाषा में तलाशे जा सकते हैं। आज के विद्यार्थियों को बिना किसी हीन भावना का शिकार हुए इस भाषा में अपने भविष्य को तलाशने की आवश्यकता है। प्रोफेसर अश्वनी भल्ला का कहना है कि हिंदी या कोई भी भाषा तब तक नहीं मर सकती जब तक उसके चाहने वाले उससे प्यार करने वाले उसका प्रयोग करने वाले इस दुनिया में है और आज बड़े गर्व के साथ यह कहा जा सकता है की हिंदी का प्रयोग करने वाला व्यक्ति वैश्विक स्तर पर है दुनिया का हर पांचवा व्यक्ति हिंदी बोलता समझता है। 21वीं सदी के इस तकनीकी युग में कोई भी भाषा तभी टिक पाएगी जब उसमें तकनीकी संसाधनों का प्रयोग किया जाए। इस दृष्टि से भी हिंदी अतुलनीय है वह इतनी सरल है कि वह बड़ी आसानी से युग के अनुरूप ढल जाती है और प्रयोग करता के दिल में उतर जाती है।विभाग द्वारा आयोजित इस राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर विभाग के विद्यार्थियों ने इस कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना का गायन, कविता पाठ, गीत गायन, नृत्य प्रस्तुति आदि की। विभाग के विद्यार्थी रजत सेठी ने सरस्वती वंदना और गीत का गायन, कनिका ने कबीर की वाणी का पाठ, विशाली चटवाल ने हिंदी की विकास यात्रा पर प्रकाश, कोमल रानी ने अपने शास्त्रीय नृत्य के माध्यम से ज्ञान की देवी सरस्वती की आराधना की, वैशाली ने अपने नृत्य से भारतीय संस्कृति की झलक प्रस्तुत की और यामिनी ने अपने कथक प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया। इन विद्यार्थियों ने अपने घर पर रहकर ही कार्यक्रम में हिस्सा लिया और अपनी अपनी प्रस्तुतियां दी। एस ऑनलाइन कार्यक्रम का कुशल संचालन पलक ने बड़े ही खूबसूरत अंदाज में किया। इस अवसर पर विभाग के शोधार्थी भी शामिल रहे जिनमें रमेश कुमार ने हिंदी के महत्व और इसमें रोजगार के अवसर पर प्रकाश डाला। विभाग के बहुत सारे पुराने विद्यार्थी भी इस कार्यक्रम में शामिल रहे और कार्यक्रम में चार चांद लगाया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ।