Friday, March 21

ब्रह्मचारी श्री राम प्रकाश जी महाराज के निर्वाण दिवस पर किया गया सत्संग का आयोजन

लुधियाना (संजय मिका)-परम पूजनीय श्री स्वामी सत्यानन्द जी महाराज जी के परम शिष्य ब्रह्मचारी श्री राम प्रकाश जी महाराज जी के निर्वाण दिवस पर आज श्री राम शरणम आश्रम नौलखा बाग़ कालोनी लुधियाना में सत्संग में पधार भक्तजनो ने” किया पावन सृष्टि को , जप कर नाम जपा कर नाम |उन्‍हीं महाराज के चरणों में , सदा प्रणाम सदा प्रणाम || “के उच्चारणो के साथ गुरुदेव के चित्र पर पूष्प मालाऐ अर्प्रण कीइस अवसर पर भक्त महेश साधक जी ने कहा कि भारत भूमि ही सर्व श्रेष्ठ है यह पर ऋषि मुनि सन्त ,महात्मा त्यागी तपस्वी परोपकारी आत्मानुवी जन जन्म धारन करते रहे । ऐसे ही इस युग मे गुरूदेव ब्रह्मचारी जी राम नाम के मतवाले सन्त थे ।वे अन्तर्यामी अथाह शाक्तियो के भण्डार होते हुए भी अपने आप को गुप्त रखा राम दरबार के साथ उन का संबन्ध सीधा था ।एक भाई काआस्टेलिया से फोन आया की हम आप से नाम दीक्षा लेना चाहते है लेकिन भारत मे अभी आ नही सकते ।ब्रह्मचारी जी ने कहा आप को वहा बैठ ही नाम मिल जायेगा ।आप पांच बजे सुबह नहा कर आँखे बन्द करके बैठ जाना आप को गुरू नाम मन्त्र मिल जायेगा जम्मू श्री राम शरणम मे ब्रह्मचारी जी ने अपना कमरा बन्द कर लिया और आस्टेलिया मे बैठ शिष्या को नाम मन्त्र प्रदान किया ।उसका प्रमाण तब मिला जब सुबह को आस्टेलिया से उस शिष्या का फोन आया बताया कि श्री महाराज जी द्बारा दिया गया नाम मन्त्र उनको प्राप्त हो गया ।जब मे आंखे बन्द कर के बैठा था तो देखा महाराज जी मेरे समाने बैठ कर नाम मन्त्र का उच्चारण कर रहे थे मेरा जीवन धन्या हो गया जो पूर्ण गुरू से नाम महा धन मिल गया ।वे राम कृपा को ऊँचा मानते थे।उन्होने हजारो भक्तजनो को परमेश्वर नाम भक्ति भागीरथी मे स्नान करवा कर निहाल किया । उन अमृत वचन है कि मनुष्य को परमेश्वर प्रेम किसी कीमत पर नही छोड़ना चाहिए ।संसार की दौड़ माया तक है ,भक्त की दौड़ भगवान् तक है .। भक्तजन सिमरन ,सेवा , लगन, पुरूषार्थ व गुरू कृपा से श्री राम दरबार तक पहुँच जाते है .एक सन्त अपना घर परिवार छोड़कर भक्ति मार्ग पर चलता है तो अपना तो कल्याण करता है तो हजारो लाखो लोगो का कल्याण करने मे समर्थ होता है । भक्ति रूपी मे नोका मे बैठा कर भव सागर पार सहज ले जाता है । उन्होने दिन रात राम नाम का प्रचार कर लाखो लोगो के मन मन्दीर मे राम नाम की ज्योति जगा कर निहाल किया ।दीन दखियो के लिए प्रार्थना करते हुए कहा करते थे कि सब कुछ राम ही करता है राम नाम का जाप करते रहो उस पर पूर्ण भरोसा रखो़गुरूदेव की महिम नही गाई जा सकती जो पूरे 86 वर्ष पर्यन्त धरा पर सुन्दर जीवन धारण कर कर्मयोगी ने राम भक्तो के अन्दर राम नाम कि संचार कर भगवान का संजीवन सोम रस पिला दिया हृदय कमल खिला दिया आत्मजोत जगाई ।राम नाम की संजीवनी बूटी पिलाई युगो से बिछुड़े भगावान के दर्शन दिखाये मन की चंचलता मिटाई ,सुरति ब्रह्मलोक पहुंचाई भावकु श्रद्धालु भक्तों उपासको को भक्तिमर्म बतलाकर निहाल किया इस अबसर पर मुख्य सेवक सुंदरलाल अरोड़ा, बन्नू बहल, धीरज सहगल, बलविंदर अरोड़ा, राम विनोद, विजय कुमार, सोहन लाल, , संजीव कुमार, समीर अरोड़ा, जुगनू, उमेश सहगल समेत भारी संख्या में साधकों ने
परम पूजनीय ब्रह्मचारी श्री राम प्रकाश जी महाराज को श्रद्धा सुमन अर्पित किऐ ।

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